फोर्ड की भारत वापसी पर संशय है. कंपनी चेन्नई प्लांट से दुनियाभर में कारें भेजने की योजना पर विचार कर रही है, लेकिन यूएस में राजनीतिक दबाव और 30 करोड़ डॉलर के खर्च के कारण देरी संभव है. फोर्ड इस समय का उपयोग अपनी रणनीति को बेहतर करने के लिए कर रही है.